SUNDAY,06,APRIL,2025/FESTIVAL DESK/BREAKING NEWS
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CENTRAL DESK/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS:आज उमंग और उल्लास के साथ नामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है।यह पर्व धर्म,न्याय और मर्यादा का प्रतीक माना जाता है।जैसा कि सभी जानते है।
राम नवमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, विशेष पूजा-अर्चना होती है और सत्य की अधर्म पर विजय का संदेश मिलता है।
राम नवमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है। दरअसल, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। यह दिन न केवल धर्म, न्याय और मर्यादा की प्रतीक श्रीराम के आगमन का पर्व ही नहीं है, बल्कि यह सत्य की अधर्म पर विजय का भी संदेश देता है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा होती है। पंडितों के अनुसार रामनवमी पूजा विधि, मंत्र और महत्व।राम नवमी के व्रत की चारों जयन्तियों में गणना है। यह चैत्र शुक्ल नवमी को किया जाता है। इसमें मध्याह्नव्यापिनी शुद्धा तिथि ली जाती है। यदि वह दो दिन मध्याह्नह्मव्यापिनी हो या दोनों दिनों में ही न हो तो पहला व्रत करना चाहिये। इसमें अष्टमी का वेध हो तो निषेध’ नहीं, दशमी का वेध वर्जित है। यह व्रत नित्य, नैमित्तिक और काम्य-तीन प्रकारका है। नित्य होने से इसे निष्काम भावना रखकर आजीवन किया जाए तो उसका अनंत फल प्राप्त होता है और किसी निमित्त या कामना से किया जाए तो उसका यथेच्छ फल मिलता है।भगवान रामचंद्र का जन्म हुआ, उस समय चैत्र शुक्ल नवमी, गुरुवार, पुष्य (या दूसरे मतसे पुनर्वसु), मध्याह्न और कर्क लग्न था। उत्सव के दिन ये सब तो सदैव आ नहीं सकते, परंतु जन्मक्ष कई बार आ जाता है; अतः वह हो तो उसे अवश्य लेना चाहिये। जो मनुष्य राम नवमी का भक्ति और विश्वास के साथ व्रत करते हैं, उनको महान् फल मिलता है। व्रती को चाहिये कि व्रत के पहले दिन (चैत्र शुक्त अष्टमी को) प्रातः स्नानादि से निश्चिन्त होकर भगवान रामचन्द्र का स्मरण करना उत्तम फल की प्राप्ति मिलने की बात बताई जाती है।