MONDAY,23,DECEMBER,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS
ब्यूरो रिपोर्ट
बोरा में रखा चूड़ा गुड, मूढ़ी जो इन भिखारियों को दिया जाएगा
खैरा/जमुई/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS:सरकार के सभी दावे आदिवासी समाज के विकास के लिए खोखला साबित हो रहा है।इस समाज के लिए सभी लाभकारी योजनाएं दिवा स्वप्न बनकर दंभ तोड़ती नजर आ रही है।
जमुई के खैरा प्रखंड अंतर्गत अवस्थित भगवान महावीर जन्म स्थान मंदिर के बाहर लंबी कतार में बैठे अपनी पेट की क्षुधा मिटाने के इंतजार में आशा भरी नजरों से हाथ में कटोरा – थाली लिए दान देने वालों की राह निहारते आदिवासी समाज के नन्हे बच्चों से लेकर बूढ़े महिला और पुरुष जीता जागता उदाहरण है। ये बच्चे स्कूल में पढ़ने के बजाय सड़क पर भीख मांगने को मजबूर है।पिछले दिनों राष्ट्र विहार की टीम जब भ्रमण के लिए जन्म स्थान गई थी तो वहां का नजारा देख स्तब्ध हो गई।आदिवासी समाज के चाहूं मुखी विकास की योजनाएं सरकार के ऊंचे ऊंचे दावे सभी खोखला दिख रही थी ।
चूड़ा गुड, मूढ़ी,चनाचूर,बिस्कुट,कुरकुरे ये सभी इन सभी बिखारियो को पेट भरने के लिए दिया जाता है।यह स्थान भगवान का दिव्य स्थान माना गया है।यहां नेता,अभिनेता से लेकर सरकार के आला अधिकारी पहुंचते हैं।भूख से बिल बिलाते आदिवासी समाज के लोगों की सुधि किसी ने लेने की जरूरी नहीं समझा।पूछे जाने पर प्रखंड के हरखर पंचायत के दीपाकरह, बरदौन,धीपलाही,रजला,आदि कई गांव आदिवासी वाहुल है।इन सभी गांवों के आदिवासी महिला पुरुष और बच्चे मंदिर के बाहर भीख मांगने को मजबूर है।यहां तक की देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को दिए गए निर्देश के आलोक में शत प्रतिशत लाभकारी योजनाओं को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए पहल कर रहा है।इसके बावजूद इस समाज के लोग आज भी सड़क पर भीख मांगने को मजबूर नजर आ रहे है।आखिर इन लोगों की विकास की योजनाएं जमीन खा रही है या हवा में उड़ जा रहा है?