FRIDAY,SEPTEMBER,16,2022/BREAKING NEWS
ODISHA/BHUBANESWAR/RASHTRA VIHAR LIVE NEWS:आर्थिक समृद्धि के क्षेत्र में पर्ल(PEARL)फार्मिंग बरदान साबित होगा।मोतियों की बाजार में बढ़ती मांग को लेकर पर्ल उत्पादन किसानों,शिक्षित बेरोजगारों तथा इक्षुक लोगों के लिए आमदनी का बेहतर स्रोत हो सकता है।
ICAR का यूनिट CIFA द्वारा संचालित 13 सितम्बर से 17 सितम्बर 2022 तक पर्ल फार्मिंग प्रशिक्षण का आज शुक्रवार को 4था दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।प्रशिक्षण के दौरान गुरुवार को प्रथम सत्र में सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर शैलेश सौरभ ने गोल मोती का निर्माण सम्बन्धी विषयों पर जानकारी दी।सिपी के अंदर सर्जरी कर ग्राफ्टिंग करना और उसके अंदर न्यूक्लियस डालने के साथ विभिन्न सावधानियां रखने जैसे पहलुओं पर विस्तार से बताया गया।सीनियर साइंटिस्ट पंकज कुमार तिवारी ने मोती उत्पादन की गुणवत्ता पर ध्यान रखने पर जोर दिया।डॉक्टर श्री तिवारी ने सीड से लेकर फीड तथा पानी की गुणवत्ता के साथ बाज़ार प्रबन्धन के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी।
उन्होंने मोती उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और एक सफल फार्मर बनकर प्रतियोगिता की बाजार में अपना पांव जमाने की प्रेरणा दी।डॉक्टर श्री तिवारी द्वारा बताए गए सभी आवश्यक जानकारियां उपयोगी सिद्ध होगा।सीनियर साइंटिस्ट नीतीश चन्दन ने फूड एंड फीडिंग विषय पर विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने फ्रेस वाटर एक्वाकल्चर के लिए तापमान सम्बन्धी जानकारी साझा किए जिससे सभी प्रतिभगी उत्साहित थे।आज शुक्रवार को सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर राजेश कुमार ने भी पर्ल फार्मिंग के सम्बंध में आवश्यक जानकारी दी।सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर एलिना ने प्रतिभागियों को विभिन्न सामग्री से फ़ीड निर्माण की विधि बताई । जानकारी पाकर सभी लोग उत्साहित थे।
प्रशिक्षण में शामिल असिस्टेंट प्रोफेसर संत जेवियर कॉलेज रांची झारखंड के रितेश शुक्ला,समस्तीपुर,बिहार के श्रद्धा कुमारी,कटक ओडिशा के अश्वनी और सुशील,जम्मू एन्ड कश्मीर के विशाल अन्य राज्यों से आए मिनाल उपाध्याय,गौरव पचौरी,राहुल,याकूब पाशा, सेवा निवृत्त मेजर चेतन सहित सभी प्रतिभागियों ने डॉक्टर एलिना से कई सवाल किए जिसका उत्तर उन्होंने बड़े ही सरल भाव मे देकर लोगों को संतुष्ट कर दी।बताते चलें कि CIFA द्वारा संचालित फ्रेस वाटर एक्वाकल्चर प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 7 राज्यों से 20 प्रतिभगियों ने भाग लिया जिसमे कई महिला प्रतिभगी शामिल हैं।समय-सारणी के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।प्रतिभागियों को संस्थान कैम्स के कैंटीन में मामूली शुल्क पर खाने-पीने की सुविधा मिल रही है।यह CIFA की विशेषता है।
जानें CIFA के बारे में: CIFA एक ICAR का प्रतिष्ठित यूनिट है।यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करने वाली इकाई है।इससे मान्यता प्राप्त किए बिना देश मे कोई भी कॉलेज/विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक तथा परास्नातक किए हुए विद्यार्थी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के किसी भी सरकारी कॉलेज या विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन या पीएचडी नही कर सकता है।शिक्षण संबंधी नियमों में यह बदलाव वर्ष 2019-20 से लागू किए गए हैं।ICAR की स्थापना 16 जुलाई 1929 में हुई।इस संस्थान का मुख्यालय नई दिल्ली में अवस्थित है।भारत सरकार की यह प्रतिष्ठित संस्थान ICAR देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर योजना तैयार करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने तथा हरित क्रांति लाने में संस्थान की अहम भूमिका होती है।