THURSDAY,18,MAY,2023/ONLINE DESK/BREAKING NEWS
DELHI/ONLINE DESK/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: कहा जाता है कि बरगद के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है|इश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने पति की दीर्घायु के लिए सुहागिन महिलाएं इस बृक्ष कि विधि –विधान से पूजा –अर्चना करती हैं|प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में वट सावित्री का व्रत बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है| इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं| हिंदू धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि, वट सावित्री व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है| इस दिन व्रती महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं| पंडित ज्ञानियों द्वारा वट बृक्ष की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है|शास्त्रों में भी इसका विशेष वर्णन मिलता है| सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व बताया गया है|हिंदू पंचांग के अनुसार, जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है| इस वर्ष अवश्यक तिथि 18 मई 2023 को पड़ रही है, जो रात में 9:42 से प्रारंभ होगी और 19 मई 2023 की रात 9:22 पर समाप्त हो जाएगी| ऐसे में यह व्रत 19 मई 2023 को रखा जाएगा|सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व बताया गया है|
व्रत का विधि जाने -वट सावित्री व्रत को करने के लिए प्रात काल स्नान कर वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है या यदि आप मूर्ति नहीं रख पाते हैं, तो आप इनकी पूजा मानसिक रूप से भी कर सकते हैं|वट वृक्ष की जड़ में जल डालें, फूल, धूप और मिठाई से वट वृक्ष की पूजा करें|कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए इसके तने में सूत लपेटते जाते हैं|सात बार या 11 बार परिक्रमा करना अच्छा माना जाता है| इसके अलावा हाथ में भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनें|फिर यह भीगा चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देखकर उनसे आशीर्वाद लें|वट वृक्ष की कोपल खाकर उपवास समाप्त कर सकते हैं|इस तरह के कठिन व्रत को रखकर सुहागिन महिलाऐं पति की लम्बी आयु और तेजस्वी संतान की कामना इश्वर से करती हैं|हिन्दू धर्म में इस पूजा का विशेष महत्त्व बताया गया है|