लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को शादी का बंधन नहीं होता-कोर्ट  

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THURSDAY,15,JUN,2023/NATIONAL DESK/BREAKING NEWS

राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट

DELHI/ NATIONAL DESK/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: कोई कपल अगर लिव-इन-रिलेशनशिप में रहता है और यदि दोनों के बीच किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है तो एक दुसरे से वह अलग होने के लिए स्वतन्त्र है|इस संबंध को शादी कि मान्यता नहीं दी जाएगी,और न ही किसी प्रकार का किसी का दावा स्वीकार किया जाएगा|केरल के हाईकोर्ट ने एक अहम् फैसला सुनाते हुए कहा|KKPन्यूज के अनुसार केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि लिव-इन-रिलेशनशिप को शादी के रूप मे मान्यता नहीं दी सकती है| कोर्ट ने अपनी टिप्पणी मे कहा है कि जब दो व्यक्ति एक समझौते के तहत एक साथ रहने लगते है तो वह किसी मैरिज एक्ट के दायरे मेँ नहीं आते हैं | लिव-इन-रिलेशनशिप का मतलब शादी होना नहीं होता है |इसलिए इसमें तलाक की माँग नहीं की जा सकती | क्योंकि लिव-इन-रिलेशनशिप अभी तक कानूनी रूप से मान्यता नहीं दी गई है | दरअसल, लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर केरल हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब लिव-इन-रिलेशनशिप मे रहने वाले एक कपल याचिकाकर्ता ने तलाक की अर्जी दाखिल की| केरल हाईकोर्ट का कहना है कि विवाह एक सामाजिक संस्था है, जिसे कानूनन मान्यता प्राप्त है | जो समाज मे सामाजिक व नैतिक आदर्शों को दर्शाता है | तलाक, कानूनी शादी मे बंधे दो व्यक्तियों को अलग करने का एक माध्यम है|तलाक होने के बाद दोनों व्यक्ति अपने –अपने इक्षानुसार दुसरे जीवन साथी क चुनाव कर सकते हैं|इसे कनूनी तौर पर अलग होने की आजादी मिल जाता है|

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