जनतंत्र में जनता की घटती दिलचस्पी लोकतंत्र के लिए खतरा बोले- प्राचार्य

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SATURDAY,16,MARCH,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS

नितेश कुमार की रिपोर्ट

जनतंत्र में जन की घटती दिलचस्पी लोकतंत्र की जीवंतता के लिए खतरा: प्राचार्य

लोकतांत्रिक भविष्य के लिए एक-एक वोट का है अहमियत: डॉ. मनोज

जमुई/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS:नगर परिषद स्थित कुमार कालिका मेमोरियल महाविद्यालय में चुनाव आयोग तथा सरकार के निर्देश पर पहला वोट देश के नाम विषय पर केकेएम कॉलेज तथा इग्नू अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में एक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया, जिसकी अध्यक्षता इग्नू के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार ने की।
मुख्य अतिथि के बतौर बोलते हुए प्रधानाचार्य डॉ चंद्रमा सिंह ने सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को लोकतंत्र में आस्था रखने एवं किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना निर्वाचनो में मतदान की शपथ दिलाई। उन्होने कहा कि जनतंत्र में जन की घटती दिलचस्पी लोकतंत्र की जीवंतता के लिए खतरा है।आज राजनीति जिस तरह से प्रदूषित हुई है। उससे जनता और युवाओं का मोह भंग हो रहा है। चुनाव रूपी लोकतंत्र के महापर्व के प्रति उल्हास और उमंग का भाव परिलक्षित नहीं हो रहा है। इसलिए उन्हें मतदान के प्रति रुचि जगाने की आवश्यकता है। युवाओं में जागरूकता की कमी के कारण आज मतदान का प्रतिशत गिरता जा रहा है। इसलिए आप लोग चुनावी महापर्व में भाग लेकर मतदान अवश्य करें।
अध्यक्षीय प्रबोधन में इग्नू समन्वयक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि पहला वोट देश के नाम एक स्लोगन ही नहीं, अपितु देश और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने का पुनीत कार्य है। लोकतांत्रिक भविष्य के लिए एक-एक वोट की अहमियत है। यह एक वोट सरकार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मतदान के प्रति बढ़ती चिंता को जन जागरूकता के माध्यम से दूर किया जा सकता है। मतदान जरूरी है। मतदान का विशेष महत्व है। मतदान में भागीदारी लेकर मतदान के गिरते प्रतिशत को बढ़ा सकते हैं।
केकेएम कॉलेज के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर पासवान ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। जागरुक युवाओं एवं और नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी कीमती एक-एक वोटका दान देश के लिए अवश्य करें। वर्तमान में 96.18 करोड़ रजिस्टर मतदाता हैं,और इनमें दो करोड़ युवा मतदाता हैं। युवा शक्ति चुनाव में निश्चित रूप से अपने अपने मताधिकार का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जीवंतता को बनाए रखना बहुत जरूरी है। जनतंत्र की आत्मा का अवसान होने से बचाना आवश्यक है। और मतदान ही लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारत में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। विश्व की 32 देश में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था लागू है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील सिंगापुर बेल्जियम। सन 1952 के आम चुनाव में 45% तक ही मतदान सीमित रहा और 6 दशक बाद भी कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। इसलिए मैं अपील करता हूं कि आगामी लोकसभा चुनाव में युवाशक्ति खुलकर अपने मत का प्रयोग करें।
जूलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रो.सत्या शुभांगी और दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ.रूपम कुमारी ने कहा कि मतदान लोकतंत्र का जान है. मतदान का प्रतिशत बढ़ाना बहुत जरूरी है. आए दिन मतदान के गिरते प्रतिशत से देश चिंतित है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। युवा पीढ़ी के लोगों को मतदान में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। उनका एक-एक वोट देश के नाम पढ़ना चाहिए,क्योंकि आपका एक मत गहनों से भी मूल्यवान है।
राजनीतिक विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि भारत शांति प्रिय और जिम्मेदार लोकतांत्रिक राष्ट्र है। इसलिए भारत में लोकतंत्र का भविष्य सुरक्षित है। जरूरत है कि नागरिक मतदान के प्रति जागरूक हो। मतदान के प्रति दिलचस्पी दिखाएं। क्योंकि मतदान का प्रतिशत बढ़ाना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है।
इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्यार्थ प्रकाश, अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री सरदार राम, राजनीतिक विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ.अजीत कुमार भारती ने संयुक्त रूप से कहा कि सशक्त लोकतंत्र के लिए शत प्रतिशत मतदान का होना आवश्यक है। भारत लोकतांत्रिक देशों की सफलता की कसौटी पर एक सफल राष्ट्र है। जो भी लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब नागरिकों का शत प्रतिशत मतदान होगा। मौके पर रवीश कुमार सिंह, सुशील कुमार, कृष्ण कुमार गिरी, मनोज कुमार सिंह,अरविंद कुमार यादव, बटेश्वर यादव तथा इग्नू के सभी सहायक समन्वयक व कर्मचारी यथा मधुकर सिंह,दिनेश ठाकुर, संजय कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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