देश का प्रधानमंत्री होने के लिए क्या-क्या गुण होना चाहिए?कई लोगों ने दिया महत्वपूर्ण जवाब,देखे क्या कुछ कहा

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FRIDAY,26,APRIL,2024,CENTRAL DESK/BREAKING NEWS

राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट

CENTRAL DESK/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: लोक सभा चुनाव 2024 का दौर चल रहा है |मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है|देश की जनता पीएम की कुर्सी पर किसे बिठाना चाहती है ,इसके लिए देश की छोटी बड़ी पार्टियाँ जनता को रिझाने में लगी है|देश में समस्याओं का अम्बार रहने जैसी मुद्दों की फुलझड़ी लगा रही है|कोई और तो और दोषारोपण कर रहे हैं कि अगर दुवारा पीएम की कुर्सी पर नरेन्द्र मोदी बैठते हैं तो देश की हालात को नाजुक स्थिति में जाने की वकालत कर रहे हैं|पूछा गया कि एक पीएम में क्या गुण होना चाहिए?इसके जवाब में लोगों ने क्या- क्या कहा देखें पूरी रिपोर्ट | देश के प्रधानमंत्री में कई गुण होना चाहिए कि जो एक देश को चलाने के लिए वेलफेयर स्टेट को बनाने के लिए जो अत्यंत आवश्यक है। जैसे की मांग पहला न्याय वाला ,दूसरा रहम दयावान ,तीसरा अनुशासन प्रिय, चौथा झूठ फरेब से बचने वाला ,पांचवा खुद की तारीफ ,प्रशंसा ना करने वाला, छठवां चाटुकारिता, चापलूसी से बचने वाला, सातवा किसी भी रूप में छल कपट ना करने वाला ,आठवां गुस्से पर कंट्रोल ,नवा खुशमिजाज हर हाल में प्रसन्न रहने वाला,10 वा सबर धैर्य वाला, 11वां बहुत ही इंसानियत परस्त यानी हर हाल में इंसानों की खैरख्वाहि चाहना।और यह सारे नैतिक गुण निहित हो, ये सभी गुण तभी एक इंसान के अंदर में आते हैं जब वह अपने से ऊपर किसी एक सर्वशक्तिमान शक्ति को महान प्रभु को मानता है। और उसके समक्ष मरने के बाद जवाबदेही का एहसास उसे सताता रहता है। तभी वह अपने सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाता है ।और भी कई अच्छे गुण हो सकते हैं जो कि एक देश के प्राइम मिनिस्टर को विकसित करना चाहिए। क्यों कि ईश्वर ने उस पर यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाली है। और जब वह किसी देश का प्राइम मिनिस्टर बना है तो उस देश के अंदर में विभिन्न समस्याएं आती है। वहां विभिन्न धर्म जाति संप्रदाय के लोग रहते हैं तब उसे बहुत न्याय,अमन बहुत रहेम,बहुत धैर्य और बहुत शांति पूर्वक और बहुत ही अनुशासन के साथ में देश को चलाना पड़ता है तो उसके लिए यह सारे गुण उसको काम आते हैं। तभी वह अपने राष्ट्र को एक वेलफेयर राष्ट्र बना सकता है। ऐसे कई उदाहरण हमको कई राष्ट्रों के प्राइम मिनिस्टर के मिल जाएंगे जो गरीब परवरी इंसानियत परस्त थे।हमारे भारत देश में भी पहली पीढ़ी के जो नेता थे पंडित जवाहरलाल नेहरु, लोकमान्य तिलक ,महात्मा गांधी, अबुल कलाम आजाद, लाल बहादुर शास्त्री की ,जिनकी सादगी की कई मीसाले हम पेश कर सकते हैं। हजरत उमर जो इस्लामी राष्ट्र के प्राइम मिनिस्टर (खलीफा )थे उनके भी कई उदाहरण हमको देखने मिल जाएंगे ।वह अपने क्षेत्र में रातों को उठ कर घूमते थे कि मेरे देश में कोई व्यक्ति मेरे क्षेत्र में कोई भूखा तो नहीं है। कहीं कोई मुश्किल में, तकलीफ का मारा तो नहीं है। उनको हमेशा यह डर सताता रहता था कि उस महान ईश्वर के सामने मैं क्या जवाब दूंगा जब मुझसे यह सवाल किया जाएगा कि हमने तुमको एक राज्य का प्राइम मिनिस्टर बनाया था। और एक बड़ी जिम्मेदारी तुमको दी थी। हजरत उमर के दौर का एक वाकया है मिश्र का गवर्नर उनके पास सरकारी काम से आया और जब खाने का वक्त हुआ और जब खाना सामने आया तो इतने बड़े इस्लामी राज्य के प्राइम मिनिस्टर के सामने जौं कि सुखी रोटिया रखी गई और वे खाने लगे । तो मिस्र के गवर्नर ने उनसे कहा अब तो आपको किसी दूसरे राष्ट्र से गेहूं के आयत की जरूरत ही नहीं आपने इराक ईरान सब जीत लिया है। अब आपके देश में इतना गेहूं है आप आराम से गेहूं की रोटी खा सकते हैं ।जब हज़रत उमर ने कहा कि क्या मेरे राज्य में इतना गेहूं होता है की गरीब से गरीब अति गरीब व्यक्ति के पहुंच में वह हो जाए ।तब मिश्र के गवर्नर ने कहा कि नहीं इतना तो नहीं होता तो हज़रत उमर ने कहा फिर मैं कैसे वह अन्न ग्रहण कर सकता हूं जो मेरे देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी मयस्सर ना हो। जब किसी देश का प्राइम मिनिस्टर ऐसा हो तब वहां फूड सिक्योरिटी बिल लाने की कोई जरूरत नहीं पढ़ती। आप बताइए कि फूड सिक्योरिटी के लिए यहां इतने बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लगाकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। कई सरकारी योजनाएं बनाई जाती है। फिर भी सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की 40 फीसदी आबादी भूख, गरीबी, और मूलभूत आवश्यकताओं के लिए तरस रही है।महात्मा गांधी ने अपने भाषण में कहा था अगर शासन व्यवस्था चलाना है तो हज़रत उमर जैसी चलाना चाहिए जहां पर न्याय शांति और अमन का बोलबाला था। कोई भी एक साधारण इंसान इतने ऊंचे नैतिक गुणों से परिपूर्ण तभी हो सकता है जब उसके सामने एक महान ईश्वर के समक्ष जवाबदेही का एहसास उसका जागता रहे, और मरने के बाद अपने कर्मों का पूरा पूरा हिसाब किताब ईश्वर के समक्ष देने का एहसास उसे कराता रहे ।तभी वह इतने ऊंचे मानवीय नैतिक गुणों से परिपूर्ण होता है। हो सकता है मेरे जवाब से कई लोग संतुष्ट नहीं होंगे इसके और भी बेहतरीन और अच्छे जवाब दिए जा सकते हैं ।मैं अपने जानकारी के हिसाब से जवाब देने की कोशिश कर रहा हूं ।उम्मीद है आप लोग मुझे क्षमा करेंगे मेरा मिशन तो सद्भावना है ,प्यार मोहब्बत बांटना है, मैं भी क्योरा पर आप लोगों के जरिए कुछ सीख रहा हूं और उसी से जवाब देने की कोशिश करता हूं। जय भारत

पाठक की कलम से ——-

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