MONDAY,05,AUGUST,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS
नितेश कुमार की रिपोर्ट
– सेवा शिविर में नही मिल रही सुविधा कोई सुविधा
– स्वास्थ्य विभाग दिखाने के लिए बैनर टांग दी,सिर्फ की जा रही खानापूर्ति
गिद्धौर/जमुई/RASHTRAVIHARLIVE24 NEWS: जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर गिद्धौर झाझा-एनएच 333 किनारे स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनझुलिया के सामने सावन माह को लेकर कांवरिया राहत एवं स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है, जो केवल खानापूर्ति और सुविधाविहीन कैंप बनकर रह गया है। जबकि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जिले से होकर गुजरने वाले विभिन्न जिलों और अन्य प्रदेशों के कांवर यात्रियों को राहत व स्वास्थ्य शिविरों में हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। लेकिन गिद्धौर में एनएच 333 किनारे गिद्धौर के बनझुलिया गांव में बनाया गया कांवरिया राहत व स्वास्थ्य शिविर से शाम होते ही कर्मी गायब हो जाते हैं। जिससे प्रतिदिन रात में अन्य जिलों के कांवर यात्रियों को गिद्धौर से होकर गुजरने के दौरान कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस कांवरिया राहत शिविर को दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन द्वारा संचालित किया जा रहा है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय परिसर के सामने बने एक पंडाल में छोटा सा बैनर टांगकर सिर्फ कोरम पूरा कर लिया गया है, जो जिला प्रशासन के दावे की पोल खोल रहा।उक्त शिविर में न बैठने के लिए कुर्सी है और न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था अब तक की गई है। जिससे राहत शिविर कैंप पर आए कांवर यात्री यहां रुककर खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। इस राहत शिविर से शाम होते ही कर्मियों के ड्यूटी छोड़ चंपत हो जाने से कांवर यात्रियों को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जबकि सावन महीने का तीसरा सोम भी बीत गया है। बीती रात जब रिपोर्टर द्वारा राहत शिविर की पड़ताल की गई तो राहत शिविर में व्याप्त कुव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। रात के लगभग दस बजे रोहतास जिले के दर्जनों कांवर यात्री उक्त शिविर पर रुके थे। लेकिन कैंप खाली पड़ा था और कैंप की दीवार पर लटकाए गए बैनर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की लगी तस्वीर को निहार मायूस होकर आगे निकल गए।
मामले के बारे में दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य प्रबंधक प्रियदर्शनी ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर होने से रात्रि में राहत कैंप में कर्मी मौजूद नही थे। जल्द ही दूसरी व्यवस्था की जाएगी।जब सेवा भाव है ही नही तो सिर्फ बैनर लगा देने मात्र से किसी को लाभ नहीं मिल जाता है।इस तरह की व्यवस्था से साफ तौर पर विभाग की लापरवाही और कर्तव्य हीनता झलकती है।