WEDNESDAY,07,AUGUST,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS
राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट
जमुई/RASHTRAVIHARLIVE24NEWS:परती भूमि के सर्वेक्षण से वैज्ञानिको को मिलेगी खेती की नई समझ उक्त बातें कृषि विज्ञान केन्द्र एवं राष्ट्रीय भूमि सर्वेक्षण कार्यालय कोलकाता द्वारा आयोजित एक दिवसीय कर्मशाला के उद्घाटन सत्र में एन बी एस एस कोलकाता के क्षेत्रीय प्रमुख डॉ एफ एच रहमान ने कही। उन्होने कहा कि बिहार सरकार के कृषि विभाग ने सम्पुर्ण बिहार के परती भूमि के सर्वेक्षण की जिम्मेवारी दी है। सर्वेक्षण का कार्य सैटेलाइट के माध्यम से किया जा रहा है। यह कार्य लगभग समप्ति पर है । जो डाटा निकल कर आ रहा है इसकी पुष्टि कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किया जाना है। सैटेलाइट से प्राप्त डाटा का आकलन एवं पुष्टि हेतू मूल्यांकन करने संबंधित आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र जमुई मुख्य भुमिका निभा रहा है । केंन्द्र प्रमुख डॉ सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आज का ये कार्यक्रम जिले मे जेन एक्स होटल मे आयोजित किया गया जिसमे बिहार के आठ जिले के कृषि विज्ञान केंन्द्रो यथा पटना, बाँका, गया, पूर्णिया, मधुबनी, पूर्वी चम्पारण एवं प चम्पारण के केन्द्र प्रमुखो ने भग लिया एवं अपने विचार व्यक्त किये । उन्होने कहा कि अभी तक सैटेलाइट डाटा के अनुसार जमुई मे लगभग 55000 हेक्टर भूमि परती है। जिसका मूल्यांकन दो माह के अंदर किया जायेगा । उक्त कार्यक्रम में बिहार पशु विज्ञान विश्व विद्यालय पटना के निदेशक डॉ ए के ठाकुर, भरतीय कृषि अनुसंधान परिषद् अटारी पटना के डॉ डी वी सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक भूमि संरक्षण, केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ प्रमोद सिंह, सहित रूबी कुमारी ने भग लिया।