THURSDAY,15,AUGUST,2024/CENTRAL DESK/BREAKING NEWS
राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट
*लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- सरकार बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध
* भारत 2047′ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है
* कहा मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था
* नेहरू को यह सम्मान 17 बार और इंदिरा को 16 बार मिला था
* प्रधानमंत्री ने लाल किले पर तिरंगा फहराने से पहले राजघाट जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी
दिल्ली/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: पीएम मोदी 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘विकसित भारत 2047′ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है| प्रधानमंत्री ने लाल किले पर तिरंगा फहराने से पहले राजघाट जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी| अपने संबोधन में कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047′ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। स्वतंत्रता दिवस पर, अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ दिया। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था। इस मामले में मोदी पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं।
नेहरू को यह सम्मान 17 बार और इंदिरा को 16 बार मिला था। आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है और यह देश उनका ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘आज तो हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं, आजादी लेकर दिखा सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी, 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित करके चल पड़ते हैं, कदम से कदम मिलाकर और कंधे से कंधा मिलाकर अगर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों ना हो, अभाव कितना भी तीव्र क्यों ना हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत क्यों न हो तो भी… हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। उन्होंने कहा, ‘विकसित भारत 2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं और इसमें हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है, हर देशवासी का संकल्प झलकता है। उन्होंने कहा कि किसी ने भारत को दुनिया का ‘स्किल कैपिटल’ बनाने का सुझाव दिया तो किसी ने भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में दुनिया का केंद्र बनाने का और किसी ने यहां के विश्वविद्यालयों को वैश्विक बनाने का सुझाव दिया।
मोदी ने कहा कि किसी ने बढ़ती हुई प्राकृतिक आपदाओं के बीच शासन प्रशासन में क्षमता निर्माण का सुझाव दिया तो बहुत सारे लोगों ने यह सपना भी देखा है कि अंतरिक्ष में भारत का ‘स्पेस स्टेशन’ जल्द से जल्द बनना चाहिए।
हम बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध, हमारा संकल्प ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ का है:
मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। मोदी ने कहा, ‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था… हमने बड़े सुधार किए हैं। सुधारों को लेकर हमारी प्रतिबद्धता चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है, किसी मजबूरी में नहीं है बल्कि देश को मजबूती देने के इरादे से है।’
उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘हम जो कुछ भी करते हैं वह राजनीतिक गुण-भाग के बारे में सोचकर नहीं करते…. ‘राष्ट्र हित सर्वोपरि’, हमारा राष्ट्र महान बने, हम इस संकल्प को लेकर कदम उठाते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने शासन के मॉडल को बदला है। आज सरकार लाभार्थी के घर खुद पहुंचती है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है।’ मोदी ने कहा, ‘आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं, वे हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं, हमारे नौजवानों का हौसला है, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का ‘जीवंत’ अंतरिक्ष क्षेत्र भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने अतीत की बंदिशों से मुक्त करते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह जीवंत होता जा रहा है। भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। हमने इसे अतीत की बंदिशों से मुक्त कराया है।’
भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर चुनिंदा मजबूत बैंकों में शामिल:
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ‘जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे… हमने बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए बड़े सुधार किए। आज सुधारों की वजह से हमारे बैंक वैश्विक स्तर पर कुछ मजबूत बैंकों में शामिल हैं।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्यम वर्ग, किसानों, घर खरीदने वालों, स्टार्टअप और एमएसएमई क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी समारोह में सफेद कुर्ता एवं चूड़ीदार पायजामे के साथ लहरिया प्रिंट का बहुरंगी साफ़ा पहने नजर आए। मोदी ने इस अवसर पर आसमानी रंग की बंद गला जैकेट भी पहनी। प्रधानमंत्री मोदी 2014 से हर स्वतंत्रता दिवस पर रंगीन साफ़ा पहनते रहे हैं। उन्होंने इस बार भी इस परंपरा को बरकरार रखा और केसरिया, पीले एवं हरे रंग का साफ़ा पहना।
लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने किया।
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