मानव का अस्तित्व पशुओं के बिना अधूरा : प्रो. गौरी शंकर

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FRIDAY,04,OCTOBER,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS

नितेश कुमार की रिपोर्ट

पशु दिवस का उद्देश्य मानव में पशुओं के प्रति संवेदनशीलता और जन जागरूकता को बढ़ाना है

जमुई/RASHTRAVIHARLIVE 24 NEWS:विश्व पशु दिवस के अवसर पर केकेएम कॉलेज में मानव और दुनिया के लिए पशुओं का महत्व विषय पर एक परिचर्चा की गई जिसकी अध्यक्षता स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गौरी शंकर पासवान ने की।
अध्यक्षीय प्रबोधन में डॉ.गौरी शंकर पासवान ने कहा कि प्रत्येक साल 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पशुओं के प्रति जागरूकता फैलाना उनके अधिकारों की सुरक्षा तथा उनके कल्याण के लिए कार्य करना है। प्रकृति की विविधता भरी दुनिया में पशुओं के बिना मानव का अस्तित्व अधूरा है। इस दिवस का ध्येय यह संदेश देना भी है कि पशु केवल संसाधन नहीं हैं, बल्कि पृथ्वी के सहवासी हैं । उन्हें सम्मान के साथ रहने और जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पशु अधिकारों को लेकर जागरूकता भी बड़ी है। कई संगठनों द्वारा पशु हिंसा और शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई जाती रही है।
उन्होंने कहा कि विश्व में पशुधन की आबादी के मामले में भारत शीर्ष स्थान पर है। 20 वीं पशु गणना 2019 के अनुसार भारत में पशुधन की संख्या 53.58 करोड़ है। गायों की संख्या 192.49 मिलियन, भैंसों की संख्या 109.85 मिलियन, तथा बकरियों की संख्या 148.88 मिलियन, भेड़ की संख्या 74.26 मिलियन हैं। बिहार में कुल पशुधन की आबादी 31.9 मिलियन है। विश्व का सबसे बड़ा पशु मेला बिहार के हरिहर क्षेत्र मेला है। आर्थिक दृष्टिकोण से पशुओं का खास महत्व है। पशु अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
डॉ देवेंद्र कुमार गोयल ने कहा कि विकास के क्षेत्र में पशुओं का भी महत्वपूर्ण भूमिका है। गाय का दूध अमृत तुल्य है तो, बकरी गरीबों का एटीएम है। प्रत्येक साल लाखों पशुओं का शिकार और तस्करी होता है। इसपर रोक लगना चाहिए।
डॉ अजीत कुमार भारती ने कहा कि देश दुनिया में पशु पक्षियों का विशेष महत्व है। अधिकांश पशु किसानों और गरीबों के आय स्रोत के रूप में आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए हर पशुओं का संरक्षण होना जरूरी है।
डॉ अमोद कुमार सिंह ने कहा कि विश्व पशु दिवस हमें याद दिलाता है कि हाथी मेरा साथी जैसे अनेक साथी जानवर भी पृथ्वी पर हमारे साथ सामान्य रूप से जीवन जीने का अधिकार रखते हैं। अतः उनके संरक्षण के प्रति सरकार व एनजीओ को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उनके लिए एक ऐसी दुनिया बनानी होगीसी जहां वे स्वतंत्र और सुरक्षा के साथ सामान्य जीवन जी सके।
प्रो कैलाश पण्डित ने कहा कि मनुष्य और प्रकृति के बीच गहरा संबंध है। पशुधन की स्थिति भारत में महत्वपूर्ण है। पशु कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। इसका महत्व सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य में भी अहम है। विश्व पशु दिवस की शुरुआत 1925 में जर्मनी के एक पर्यावरणविद हाइनरिक जिमर मैन ने की थी। 4 अक्टूबर को पर्यावरण विद् और पशु संरक्षक सेंट फ्रांसिस ऑफ़ असीसी का पर्व हर वर्ष मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में विश्व पशु दिवस मनाया जाता है। पशुधन आबादी के मामले में टॉप 10 देशों में क्रमशः भारत, ब्राजील, चीन, इथोपिया, सूडान, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश हैं।
कार्यालय सहायक रवीश कुमार सिंह सुशील कुमार कृष्णागिरी बटेश्वर यादव शैलेश कुमार सिंह आदि शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।

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