MONDAY,14,OCTOBER,2024/LOCAL DESK/BREAKING NEWS
नितेश कुमार की रिपोर्ट
किशोर ‘दा ‘ भारतीय संगीत के अनमोल धरोहर: अशोक कुमार
जमुई/RASHTRAVIHARLIVE24 NEWS:जमुई म्यूजिकल ग्रुप, जमुई के बैनर तले शहर के शिल्पा विवाह में संगीत की एक शाम, किशोर दा के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में उद्घोषक की भूमिका पंकज सिंह निभाया। सर्व प्रथम कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता समाजसेवी सह युवा नेता अशोक कुमार ने फीता काटकर व संयुक्त रूप से डॉक्टर एस एन झा, डॉक्टर सूर्यनंदन सिंह, डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा, अनिल साह, नीतीश कुमार, राहुल भवेश, विकास सिंह, डॉक्टर रिंकी कुमारी में दीप प्रज्वलित कर कर विधिवत उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम में मधुर गीतों के सम्राट किशोर कुमार की 37 वीं पुण्य तिथि पर जमुई के प्रबुद्ध लोगों ने आभास कुमार गांगुली उर्फ ‘किशोर दा’ को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की।
क्लब के सदस्यों द्वारा कहा कि किशोर कुमार भारतीय संगीत के अद्वितीय पार्श्व गायक थे। वे बॉलीवुड के बहुमुखी रत्न, हरफनमौला कलाकार, संगीत प्रेमियों के दिलों की धड़कन, हास्य-अभिनय और संगीत की त्रिवेणी संगम थे। किशोर दा की आवाज में जादू था। उनकी संगीत सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता था। मधुर गीतों का वो सम्राट चला गया, पर संगीत प्रेमियों के धड़कनों में आज भी गूंजता है।
उद्घाटनकर्ता ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि- “जाने वाला चला गया पर धुनों में वह जिंदा है। हर गीत उनकी कहानी कहता हर स्वर उनकी अमर निशानी है।” किशोर दा अंगिनित गीतों एवं धुनों के कारण आज भी हमारे बीच जीवित हैं। उनकी आवाज तथा मुस्कान लोगों की यादों में हमेशा बनी रहेगी।
अतिथियों ने अपने संबोधन में आगे कहा कि किशोर कुमार लगभग 29000 से अधिक गाने गा चुके हैं.11 भाषाओं में उन्होने मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा के लिए गाने गाए हैं। आठ बार फिल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन का पुरस्कार ‘दा’ ने जीता है। किशोर ‘दा’ को उनके योगदानो के लिए कला के क्षेत्र में ‘ भारत रत्न’ अवार्ड मिलना चाहिए।
किशोर कुमार उर्फ किशोर ‘ दा ‘ संगीत के अनमोल धरोहर थे। वे संगीत और अदाकारी के अनूठा संगम थे। स्व.दा भारतीय संगीत की दुनिया में वह नक्षत्र हैं, जिनकी आवाज लाखों-करोड़ों दिलों पर राज किया है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने गायन, अभिनय, निर्देशन,संगीत में नए आयाम स्थापित किया है। उन्होंने भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। उनकी मधुर ध्वनि और अलौकिक कला हमें उनकी बहुत याद दिलाती है। किशोर का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा के एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम आभास कुमार गांगुली था। 13 अक्टूबर 1987 को इनका निधन हो गया। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशांत में पानी लहराता रहेगा, तब तक किशोर ‘दा’ की अमर कहानी युगों युगों तक गाया जाता रहेगा। हमें ऐसे कलाकार पर अभिमान है, जिन्होंने अपने देश का नाम देश में ही नहीं, विदेशों में रौशन किया है।
किशोर ' दा ' भारतीय संगीत के माहिर कलाकार थे। उनकी संगीत शैली ने न केवल भारतीय महाद्वीप में ही नहीं, वल्कि वैश्विक मंच पर भी संगीत का पताका फहराया है। राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगीत प्रेमी किशोर दा की गायकी के फैन आज भी हैं। उन्हें अलग-अलग शैलियों में महारत हासिल था। किशोर दा ने रोमांटिक गानों से लेकर दु:ख दर्द व मस्ती भरे तथा ऊर्जावान ढंग से गीत गाया है। उन्होंने कहा कि किशोर दा सिनेमा संगीत के पिलर थे। स्व.दा आवाज का ऐसा जादूगर थे, जिन्होंने लाखों संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया। वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका गीत करोड़ों फैन के दिलों में आज भी गूंज रहे हैं।
जमुई म्यूजिकल ग्रुप जमुई के द्वारा आयोजित संगीत संध्या को सफल बनाने में क्लब के वरिष्ठ सदस्य चरित्र राज, रंजीत कमल, नितेश कुमार केसरी, अजय वर्मा, आशुतोष सिन्हा, विजय राज एवं दीपक राज ने अहम भूमिका अदा की।