न्यायिक अधिकारीयों के साथ अन्य सम्बंधित विभाग के पदाधिकारियों की लगातार बैठकें की गई,राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए प्रचार-प्रसार की जा रही है,DLSA की तैयारी जोरों पर है
SATURDAY,06 AUGUST 2022/LOCAL DESK /BREAKINGT NEWS
जमुई |RASHTRA VIHAR LIVE NEWS: NALSA नई दिल्ली के निर्देश के आलोक में व्यावाहार न्यायालय परिसर में आगामी 13 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित किया जाएगा,इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जमुई की ओर से जोर-शोर से आवश्यक तैयारियां की जा रही है|जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जमुई कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए 11 न्यायिक बेंचों का गठन किया गया है|जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष DLSA अशोक कुमार गुप्ता और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव DLSA लक्ष्मीकांत मिश्रा ने राष्ट्रीय लोक अदालत की शत-प्रतिशत सफलता के लिए सभी विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किया|लोक अदालत में विभिन्न मामले को अधिक से अधिक निपटारा के लिए प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया गया|आम लोगों को न्यायिक प्रक्रिया सुलभ कराने के लिए 11 न्यायिक बेंचों का गठन किया गया है|न्यायिक बेंच संख्या एक पर न्यायिक अधिकारी अनंत सिंह ADJ 1ST और अधिवक्ता स्वेता कुमारी मौजूद रहेंगी, इसी तरह बेंच संख्या दो पर एस० बी० कुमार ACJM 1ST अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह,बेंच संख्या तीन पर अमरेन्द्र कुमार ACJM 2ND अधिवक्ता प्रवीण कुमार,बेंच संख्या चार पर ए० के० राज SDJM अधिवक्ता सकलदेव मंडल ,बेंच संख्या पांच पर अमन पपने मुंशिफ अधिवक्ता महेन्द्रनारायण,बेंच संख्या छः पर नेहा त्रिपाठी JM 1ST अधिवक्ता नविता सिन्हा,बेंच संख्या सात पर प्रणव कुमार JM 1ST अधिवक्ता राकेश कुमार,बेंच संख्या आठ पर संजीव कुमार JM 1ST अधिवक्ता मुन्ना कुमार,बेंच संख्या नौ पर अनंत कुमार JM 1ST अधिवक्ता प्रवीण चन्द्र,बेंच संख्या 10 पर गजेन्द्र कुमार चौरसिया JM 1ST अधिवक्ता अजय कुमार गुप्ता,और न्यायिक बेंच संख्या 11 पर आशीष आनंद JM 1ST के साथ अधिवक्ता परमानंद यादव न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करेंगे|विदित हो कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहाँ न्यायालयों में लंबित वाद-विवाद /मुक़दमे या प्री-लिटिगेशन चरण के मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा किया जाता है|लोक अदालत द्वारा दिए गए निर्णय को सिविल न्यायालय का निर्णय माना जाता है, जो सभी पक्षों पर अंतिम और बाध्यकारी होता है|ऐसे निर्णय के बीच किसी भी अदालत के कानून के समक्ष अपील नहीं की जा सकती है|