TUESDAY,OCTOBER,04,2022/STATE DESK/BREAKING NEWS
PATNA DESK/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: नगर निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रही है|वहीँ पटना हाईकोर्ट द्वारा बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग पर नाराजगी जतायी और अहम फैसला सुनाते हुए चुनाव पर रोक लगा दिया गया है|जानकारी के लिए बता दूँ कि बिहार में चल रहे नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है| पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है| अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है| राज्य निर्वाचन आयोग ही नगर निकाय चुनाव करा रहा है| हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार का राज्य निर्वाचन आयोग अपने संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन करने में असमर्थ रहा है| पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी| सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने को कहा था| मंगलवार को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है| हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया जो सोचनीय है|कोर्ट ने निकाय चुनाव में अति पिछड़ों के आऱक्षण पर तत्काल रोक दिया है| कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ों के आरक्षण के लिए तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है| इसको लेकर स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण दिये जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में फैसला सुनाया था| फैसला में कहा गया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती| सुप्रीम कोर्ट ने जो ट्रिपल टेस्ट का फार्मूला बताया था उसमें उस राज्य में ओबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने को कहा था,और यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल सीटों का 50% की सीमा से ज्यादा नहीं हो हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा नहीं कर लेती तब तक अति पिछडों के लिए आरक्षित सीट सामान्य माने जायेंग| राज्य निर्वाचन आयोग अति पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य घोषित कर चुनावी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर सकता है| लेकिन अति पिछ़ड़ों को आरक्षण देने से पहले हर हाल मे ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करनी होगी|कोर्ट ने कहा है राज्य निर्वाचन आयोग या तो अति पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य करार देकर चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाये या फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट करा कर नये सिरे से आरक्षण का प्रावधान करे|इसको लेकर कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के रवैये पर गहरी नाराजगी जतायी है| कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी संवैधानिक जिम्मेवारी पूरी नहीं की| निर्वाचन आयोग हर बात के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहा है| हाईकोर्ट ने पिछली तारीख पर ही कहा था कि निर्वाचन आयोग चुनाव के डेट को आगे बढ़ा सकता है लेकिन आयोग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है|इसके मद्दे नजर पटना हाईकोर्ट ने तत्काल नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया है|