कबड्डी खेल से चाल, व्यक्ति की धैर्यता, शारीरिक बल और सही सूज बूज के साथ डटे रहने की मिलती है प्रेरणा

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Sunday ,November,27,2022/Sports Desk/Breaking News

Sports Online Desk/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: कबड्डी खेल के में शारीरिक बल के साथ-साथ अच्छी सूज-बूज और धैर्यता के साथ काम लिया जाता है|यह खेल सिर्फ खेल ही नहीं है बल्कि हमें सिखाता है कि जब हमें किसी से लड़ना होता है तो हमें अकेले जाना पड़ता है और जब मुसीबत हमारे पास आती है तो सब लोगों को मिलकर काम करना चाहिए। कबड्डी भारत के कुछ महत्वपूर्ण खेलों में एक माना जाता है। यह भारत के पुरानी परंपरा से संबंध रखता है। इस खेल का वर्णन हिंदू धर्म के पवित्र किताब महाभारत में भी किया गया है। भारत में यह खेल कितने भी लोगों के बीच खेला जा सकता है। बस सभी लोगों को दो बराबर टीम में बांट दें और एक खुले मैदान के टुकड़े को दो हिस्सों में बांट दें और इस खेल को शुरू किया जा सकता है। यह एक पुराना और सस्ता खेल है, जिसे खेलने के लिए किसी खास खेल उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती। इस खेल में दोनों प्रतिबंध ही एक दूसरे से अधिक अंक बनाने का प्रयास करते है और 40 मिनट के अंतराल में जिस टीम में सबसे अधिक अंक बनाए होते है वह जीत जाता है। इस खेल को न केवल भारत बल्कि एशिया के विभिन्न देशों में भी खेला जाता है। हर देश में इस खेल में कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए गए है यह खेल हमें सिखाता है कि जीवन में न केवल शारीरिक बल बल्कि सही सूझबूझ का भी काफी अहम योगदान होता है। हम इस खेल को केवल शारीरिक बल के आधार पर नहीं जीत सकते ना ही केवल सूज–बूज के आधार पर जीता जा सकता है। इस खेल में आपको धैर्य और सही समय पर सही चाल के साथ अपने सहयोगीयों का सही तरीके से साथ और आपका शारीरिक बल आपको विजेता बनाता है।कबड्डी विश्व के कुछ सबसे पुराने खेलों में से एक माना जाता है। इस खेल का जिक्र हिंदू सभ्यता के कुछ ग्रंथों में भी पाया गया है जिस बात से खोज कर्ताओं का अंदाजा है कि इस खेल को भारत में लगभग 4000 वर्ष पूर्व से खेला जा रहा है। अगर आप इस खेल की परिभाषा और खेल प्रणाली को अच्छे से समझेंगे तो आप इस बात का अंदाजा लगा सकते है कि आखिर हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है और कितनी सूज बूज से इस खेल को सभी के लिए तैयार किया गया है। भारत ने इस खेल के महत्व को पूरे विश्व के सामने ला कर रखा है और आज कबड्डी एक अंतरराष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जा रहा है। ऐसा नहीं है कि कबड्डी केवल भारत में खेला जाता है बहुत सारी एशियाई देशों में यह खेल विभिन्न नाम से प्रचलित है। इस खेल को जीतने के लिए सही समय में सही चाल, व्यक्ति की धैर्यता, शारीरिक बल और सही सूज बूज के साथ सभी टीम के साथ मिल कर काम करने के लिए आपने किस तरह का प्लान बनाया है यह सब एक साथ लगाना पड़ता है। याद रखें कबड्डी के खेल को ना केवल शारीरिक बल से जीता जा सकता है और ना ही केवल सूझबूझ से आपको अपने दिमाग और शरीर का सही तालमेल बैठाना होगा। इसलिए कबड्डी खेल महत्वपूर्ण मना गया है|इस खेल भारत के कई खिलाडियों अपनी ख्याति प्राप्त की है जिससे उनकी आज भी अलग पहचान है|खेद है कि आज के इन्टरनेट के जमाने में कबड्डी खेल को लोग कम महत्त्व दे रहे हैं जिससे शारीर बीमार ग्रस्त हो रहा है|

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