अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार ने मनाया दूसरी वर्षगाँठ

Spread the love
0
(0)

Tuesday,November,29,2022/State Desk/Breaking News

Patna/RASHTRA VIOHAR LIVE 24 NEWS: 26 नवम्बर , 2022 को किसान आन्दोलन के दूसरे वर्षगांठ पर संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आन्दोलन की न्यायपूर्ण लम्बित मांगों की पूर्ति हेतु देशव्यापी राजभवन मार्च का आह्वान किया था| इसके तहत अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बिहार इकाई के बैनर तले पटना के गांधी मैदान से राजभवन तक मार्च का आयोजन किया गया। किसान आन्दोलन की न्यायपूर्ण मांगों से संबंधित गगनभेदी नारे लगाते हुए किसानों का राजभवन मार्च करीब साढ़े बारह बजे दिन में गांधी मैदान के दस नम्बर गेट से निकला और फ्रेजर रोड होते हुए डाक बंगला की तरफ रवाना हुआ। विभिन्न किसान संगठनों के बैनर एवं तख्ती (प्लेकार्ड) से सुसज्जित अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के बैनर के पीछे चल रहे किसान नेताओं के नेतृत्व में अनुशासित एवं व्यवस्थित ढंग से जोशोखरोश से लबरेज किसानों का काफिला आगे बढ़ रहा था। इस राजभवन मार्च का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के महामंत्री विनोद कुमार , ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन के नेता इन्द्र देव राय , अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा , जय किसान आन्दोलन के नेता ऋषि आनन्द , अखिल भारतीय किसान  मजदूर सभा के नेता रामवृक्ष राम , एन.ए.पी.एम. के नेता उदयन राय नंदलाल सिंह राष्ट्रीय किसान मंच बिहार के गणमान्य लोग शामिल थे| विदित है कि एक वर्ष से अधिक चल रहे इस ऐतिहासिक किसान आन्दोलन ने केन्द्र सरकार को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने को मजबूर कर दिया था। इसके बाद किसान आन्दोलन की लम्बित मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर , 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र लिखकर लिखित आश्वासन भी दिया था। लेकिन आज ग्यारह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केन्द्र सरकार ने किसानों से किए गए वायदे को पूरा नहीं किया है। इस विश्वासघात के खिलाफ और किसानों की अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर , 2022 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। इस दिन देश भर के किसान अपने-अपने राज्यों में राजभवन मार्च निकाले और राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे| राजभवन मार्च को पुलिस – प्रशासन ने जे.पी. गोलम्बर , गांधी मैदान से आगे नहीं बढ़ने दिया और जबर्दस्ती उसे रोक दिया। ऐसी स्थिति में अ.भा. किसान संघर्ष समन्वय समिति ने वहीं पर एक सभा का आयोजन किया। सभा का संचालन किसान महासभा के नेता शिवसागर शर्मा ने किया। सभा को सम्बोधित करने वाले प्रमुख किसान नेताओं में आ.भा. किसान महासभा के राजाराम सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के विनोद कुमार , नंदलाल सिंह राष्ट्रीय किसान मंच, खेत मजदूर किसान सभा के नन्द किशोर सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के अवधेश कुमार, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के शंभू प्रसाद सिंह, विधायक बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता , अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन की नेता अनामिका , एन.ए.पी.एम.  के उदयन राय,जय किसान आन्दोलन के जानकी भगत ,आदि शामिल थे।  वक्ताओं ने एक स्वर से ऐतिहासिक किसान आन्दोलन की एमएसपी सहित तमाम लम्बित मांगों के लिए नये सिरे से आन्दोलन खड़ा करने का आह्वान किसानों एवं आम मेहनतकश जनता से किया। राज्यपाल से एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल  मिला। इस शिष्टमण्डल में  नंदलाल सिंह,विनोद कुमार , अशोक बैठा , तारकेश्वर गिरी , मृत्युंजय दूबे , विधायक अरूण सिंह, रामवृक्ष राम , प्रभुराज नारायण राव  शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल के प्रतिनिधि को स्मारपत्र सौंपा।

 इस अवसर पर राज्यपाल को प्रेषित स्मार पत्र  निम्नलिखित मांगों को पूरा करने के लिए पेश किया गया है।

1) सभी कृषि उपजों के लिए स्वामीनाथन आयोग के आधार पर सी2+50% के फॉर्मूला से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी ।

2) एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति ।

3) बिजली संशोधन विधेयक , 2022 की वापसी ।

4) लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकारों के जनसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई ।

5) प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना ।

6) सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को ₹ 5,000 रुपये प्रति माह की किसान पेंशन ।

7) किसान आन्दोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों की वापसी ।

8) किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान और शहीदों किसानों के लिए सिंघु मोर्चा पर स्मारक बनाने के लिए भूमि का आवंटन ।

9) तेल और ईंधन की कीमत में कमी । अनाज पर लगाए गए कर की वापसी ।

10) बिहार में एपीएमसी कृषि मंडी की पुनः बहाली 11) इंद्रपुरी जलाशय (कदवन बांध) का निर्माण, कोयल नहर का पुनरुत्थान, 400 रू प्रति क्विन्टल गन्ना की कीमत की घोषणा।

12) खाद-बीज की किल्लत और कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाना।

13) किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद – बीज मुहैया कराना।

14) न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी।

15) बंद पड़े सरकारी नलकूपों को चालू करवाना।

16) बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई पर सख्ती से रोक लगाना।

17)नदी से हो रहे बालू खनन को तुरंत बंद हो

 हस्ताक्षरित : रामाधार सिंह ,  नंदलाल सिंह,विनोद कुमार , नन्द किशोर सिंह , ऋषि आनन्द , इन्द्रदेव राय , उदयन राय , रामवृक्ष राम

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x