नदियों की स्मिता बचाने,पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर एक दिवसीय उपवास व धरना कार्यक्रम

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THURSDAY,20,APRIL,2023/LOCAL DESK /BREAKING NES

उपवास व धरना पर बैठे समाज सेवी और बुद्धिजीवियों

JAMUI/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: जमुई जिला की तमाम नदियाँ अपनी स्मिता खोती जा रही है|इसका जिम्मेवार कौन ?क्या मानव जीवन का कोई मोल नहीं है?घटते जल स्तर और बिगडती जा रही पर्यवरण संतुलन की चिंता शासन और राजनेता को तनिक भी नहीं है?नदियों की दुर्दशा को देखते हुए जिले भर के  तमाम क्षेत्रों से आए बुद्धिजीवियों,समाज सेवियों और पर्यावरण विदों ने एक दिवसीय उपवास एवं धरना कार्यक्रम का आयोजन किया|इस कार्यक्रम के माध्यम से वैसे लोगों को चेतावनी दी जा रही है जो बालू की काली कमाई से अकूत धन बटोरने में लगा है|जमुई वासियों से धरना पर बैठे लोगों ने जमुई की जनता से अपील किया है कि जागो भाइयों जागों, अपनी नदियों को बचाओ |

जमुई जिले के बुद्धिजीवी बंधु ,  विषय:- जमुई जिले के नदियों में नियम के विपरीत बालू उठाव के कारण नदियों के अस्तित्व समाप्त होने से बचाने हेतु प्रमुखता से  समस्या पर ध्यान  रखने के संबंध में,

महोदय,

          निवेदन पूर्वक कहना है कि बिहार के जमुई जिले में बालू खनन कार्य चल रहा है आने वाले समय में बिहार सरकार के इस कालखंड को नदियों के दुश्मन के रूप में याद किया जाएगा वर्तमान समय में जमुई के लगभग सभी नदियों में बालू उत्खनन कार्य किया जा रहा है जिसके कारण जमुई के लोगों को  कई समस्याओं से गुजरना होगा। माननीय को कुछ प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं।

1. जमुई जिले के लाइफ लाईन माने जाने वाली बरनार नदी के जमुई जिला सीमा प्रवेश करते ही प्रति किलोमीटर पर एक या दो  सिंचाई पैन स्थित है जिससे पारंपरिक सिंचाई होती थी। ऐसी  सिंचाई व्यवस्था से सिंचाई के साथ भूजल स्तर बना रहता है इन सभी सिंचाई व्यवस्था को सरकार द्वारा ध्वस्त कर दिया गया आज के समय में जमुई जिले के लगभग सिंचाई पैन बालू उठाव के कारण मृत हो चुकी है जिससे जमुई जिले के बहुत बड़ी भूभाग सिंचित होती थी और आज बंजर पड़ी हुई है।

2. जमुई जिले के सभी बालू घाटों में पहुंच पथ का निर्माण किया गया जिसमें भारी मात्रा में नदियों में मिट्टी मेटल मोरम डालकर निर्माण किया गया जो आगे चलकर बरसात के समय में नदी की धारा के साथ बह कर नदियों में गाद का रूप ले लेगी और फिर वही गाद नदियों के सेहत को खराब कर देगी जिससे इनके अस्तित्व पर खतरा होगा।

3. मशीन के उपयोग से बालू उठाव को बंद किया जाना चाहिए मशीन से बालू उठाव के कारण नदियों में तय मानक से कई गुना अधिक गहराई तक बालू उठाव किया जा रहा है साथ ही जहां एक तरफ मशीन से बालू उठाव से नदियों के सेहत पर असर पड़ रहा है वहीं लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है अगर मशीन के जगह पर मानव बल से बालू उठाव किया जाए तो कई हजार लोगों को रोजगार मिल सकता है।

4. जमुई जिले के सभी बालू घाटों से तय सीमा से अधिक गहराई से बालू उठाव के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही है जिससे आने वाले समय में भारी मात्रा में पेयजल की समस्या उत्पन्न होगी।

5. जिस प्रकार से बालू को ट्रकों तथा ट्रेनों में भर -भर कर दूर -दूर तक बिहार से बाहर ले जाया जा रहा है आने वाले समय में जमुउ के लोगों को भी विदेश से घर बनाने हेतु बालू मंगवाना पड़ेगा।

6. जमुई जिले के गिद्धौर में उलाई  नदी में बिना बंदोबस्ती के नदी के बीच धारा में लगभग आधा किलोमीटर की दूरी तक धारा के बीचो -बीच सड़क निर्माण कर दिया गया है जिससे नदी के अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है बिना परमिशन के सड़क बनाकर प्रति ट्रक ₹1000 वसूली भी की जा रही है।

7. जमुई जिले के लगभग बालू घाटों में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता पक्ष के सफेदपोश लोग एवं उनके परिवार के लोग बालू उत्खनन कार्य में शामिल हैं जिससे जिला प्रशासन तथा सरकार के लोग मौन धारण किए हुए।

8. बालू के ओवरलोड धुलाई के कारण सड़क किनारे जिले के सभी सड़कों पर बालू बिखरा पड़ा है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही है जिसकी नियमित सफाई भी नहीं कराई जाती हैं साथ बालू घाट से होकर गुजरने वाली सड़कों के किनारे बसे हुए लोग लगातार ट्रक की आवाजाही से धूल की समस्या से परेशानी हो रही है। वहीं जितने में बालू घाट का टेंडर किया गया है उतनी राशि की सड़के तोड़ दी गई है।इन सभी बिंदुओं पर प्रमुखता से उठाने की जरूरत है क्योंकि जहां एक तरफ सरकार जल जीवन हरियाली योजना चलाकर नदियों तथा भूजल स्तर को बचाने हेतु करोड़ों रुपए को बर्बाद कर रही है वही जल जीवन हरियाली समाप्त करने के लिए बालू उठाव के माध्यम से सरकार और सफेदपोश लोगों की मिलीभगत से नदियों का चीरहरण किया जा रहा है|अतः महोदय से आग्रह है कि इन सभी बिंदुओं पर प्रमुखता से ध्यान देने की कृपा करें।इस अपील के माध्यम से जमुई की सम्पूर्ण जनता की चेतना को जगाना चाहते हैं ,ताकि एक जुट होकर इस मुहीम में सहयोग करे|समाचार लिखे जाने तक धरना कार्यक्रम जारी था|

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