सर्विस यूनिट के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट 20 लाख रुपये और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए 50 लाख रु. तक की है सुविधा
MONDAY,12,2023/NATIONAL DESK/BREAKING NEWS
राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट
अगरवत्ती निर्माण मशीन (IMAGE AMAZONE)
दिल्ली।रोजगार समाचार/ RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS: सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत बेरोजगार युवाओं के लिए यह योजना बरदान स्वरूप है|देश के लाखों युवा इस योजना का लाभ लेकर रोजगार के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाया है|इससे न केवल बेरोजगारी दूर हुई है बल्कि कई मायने में समृधि कायम किया है|तो आइए जानते है इस योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जो युवाओं के लिए अवसर प्रदान करता है|
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है जिसे एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के तहत बेरोज़गार युवाओं को उनका अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए 20 लाख रु. से 50 लाख तक का लोन दिया जाता है। आप जो व्यवसाय शुरू करने वाले हैं उसकी लागत का 5% से 10% तक आपको देना होता है, 15% से 35% तक सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दिया जाता है और बाकी बैंक टर्म लोन के रूप में, जिसे PMEGP लोन भी कहते हैं। सर्विस यूनिट के लिए प्रोजेक्ट लागत 20 लाख रुपये और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए 50 लाख रु. तक की सुविधा है।
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना को दो योजनाओं, प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (REGP), को मिलाकर बनाया गया है। ये दोनों योजनाएं युवाओं के बीच रोज़गार पैदा करने के लिए काम कर रही है जिसका लाभ लेकर युवा अपना रोजगार स्थापित कर रहे हैं| मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने 2021-22 से 2025-26 तक 5 साल के लिए प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) को बढ़ाने के लिए मंज़ूरी प्रदान की है|पात्रता रखने वाले युवा विभाग के वेबसाईट पर ऑनलाइन अप्लाय कर सकते हैं|
प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के उद्देश्य क्या है ,जाने विस्तार से :PMEGP के चार मुख्य उद्देश्य हैं:
* ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोज़गार पैदा करने के लिए नए बिज़नेस या प्रोजेक्ट शुरू करना और इसके लिए बिज़नेस लोन देना
* ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और बेरोज़गार युवाओं को साथ लाना और स्वरोज़गार के रास्ते बनाना
* गांव में रहने वाले लोग रोज़गार की तलाश में शहरों में प्रवास न करें, इसे रोकने के लिए स्थायी रोज़गार प्रदान करना। यह विशेष रूप से उन पारम्परिक कारीगरों, भावी कारीगरों और ग्रामीण- शहरी बेरोज़गार युवाओं के लिए है जो पारंपरिक या मौसमी काम करने के बाद साल के बाकी दिनों में बेरोज़गार रहते हैं|
* कारीगरों की कमाने की क्षमता बढ़ाने, ग्रामीण और शहरी रोज़गार की वृद्धि दर बढ़ाने पर ध्यान देना।यह योजना विभिन्न मापदंडों के आधार पर लोगों की आर्थिक मदद करती है। जैसा कि, इस योजना में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) शामिल हैं, इसलिए योग्य प्रोजेक्ट कितने हैं और ऑफर किए जाने वाले लोन का राशि कितनी है, इसे लेकर कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं।
सामान्य वर्ग (जनरल कैटेगरी) के आवेदक को 10% और एससी/ एसटी/ ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला, पूर्व-रक्षा कर्मचारी, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति और उत्तर- पूर्व क्षेत्र, पहाड़ियों और सीमा क्षेत्र में रहने वाले स्पेशल कैटेगरी के आवेदक को 5% की राशि का योगदान करना होता है। शहरी क्षेत्रों में सब्सिडी की दर जनरल कैटेगरी के लिए 15% और ग्रामीण क्षेत्रों में 25% होगी। स्पेशल कैटेगरी के लोगों के लिए सब्सिडी रेट शहरी क्षेत्रों के लिए 25% और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 35% निर्धारित है|अगर आप भी इसका लाभ लेना चाहते हैं उद्योग विभाग के जिला कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं|