WEDNESDAY,AUGUST,17,2022/National Desk/Breaking News
DELHI:RASHTRA VIHAR LIVE NEWS: आज के दौर में स्त्री और पुरुष की सोच में काफी बदलाव आ रही है|लड़का हो या लड़की हर कोई अपनी इच्छनुसार जिंदगी जीना चाहते हैं|
इसी को लेकर देश के शीर्ष अदालत ने पहले ही लिव-इन-रिलेशन को मान्यता दे चूका है|कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोई कारण नहीं बनता है कि कानून की संकीर्ण व्याख्या करते हुए किसी महिला का निजी जीवन में दखल दे|सुप्रीम कोर्ट ने अहम् फैसले में कहा कि अविवाहित लड़कियों को भी अबोर्शन (गर्भपात)का अधिकार है|कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनल ऑफ़ प्रेगनेंसी रूल्स 2003 के अनुसार गर्भ के 20 हफ्ते होने के बाद जिन विषम परिस्थियों में गर्भपात की इजाजत दी जा सकती है जिसमे शादीशुदा होना अनिवार्य है|अविवाहित लड़कियाँ ऐसे केस में शामिल नहीं है|इस नियम में कोर्ट ने अहम फैसला में प्रगतिशील रुख अपनाते हुए और कानून की उदार व्याख्या करते हुए कहा कि इसी कानून के 2021 में संशोधित प्रावधानों में पति के बजाय पार्टनर शब्द का व्यख्या किया गया है|कहा गया कि गर्भपात कराना या बच्चे को जन्म देना संविधान के अनुच्छेद -21 के तहत उसे मिले व्यक्तिगत अधिकार का अभिन्न हिस्सा है|इससे साफ़ है कि महिला पुरुष के संबंधों को सिर्फ शादीशुदा रिश्तों तक सिमित रखने के पक्ष में नहीं थे|वैसे भी आज के समाज में महिला पुरुष अपनी जिंदगी स्वेच्छा के अनुसार जीना चाहते हैं|इस फैसले से समाज में नया मोड़ आ गया है|
input kkp news