भव्य और आकर्षक चित्रों से सजाया गया नए संसद भवन,पाकिस्तान सहित कई देश बौखलाए ,निहारें एक नजर

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TUESDAY,30,MAY,2023/NATIONAL DESK /BREAKING NEWS

राष्ट्र विहार ब्यूरो रिपोर्ट

नई दिल्ली/RASHTRA VIHAR LIVE 24 NEWS:ख़ास टेक्नोलोजी से निर्मित शानदार इंटीरियर नए संसद भवन को शोभायमान करता है|

नए संसद भवन में सांसदों को बैठने के लिए विशेष रुप से सजाया गया है|सदन में प्रत्येक सांसद की सीट के आगे मल्टीमीडिया डिस्प्ले लगाया गया है जो बेहद ही खुबसूरत है|नए संसद भवन में 888 सीटें और राज्य सभा हॉल में 384 सीटों का निर्माण किया गया है|

जबकि संयुक सत्रों के लिए 1,272 सीटों की क्षमता दी गई है|पूर्व से 245 राज्य सभा की सीटों को बढ़ा दी गई है जो वर्तमान में 384 किया गया है|यह कार्य बढती आबादी और परिसीमन को ध्यान में रखते हुए किया गया है|नए संसद भवन नए कम्युनिकेशन से लैस किया गया है|

आधुनिक भारत की संस्कृति, क्षेत्रीय कला और शिल्प कला को समायोजन कर मनमोहक दृश्य प्रदर्शित किया गया है|नए संसद भवन में समायोजित शिल्प कला का कार्यशैली को भी उल्लेखित किया गया है जो भारतीय संस्कृति की पहचान कराती है|

आइए एक नजर डालते हैं देश के नए संसद भवन की ओर :भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित नए संसद भवन जो

118,संसद मार्ग ,नई दिल्ली ,दिल्ली इसका पूर्ण पता है|बता दें कि नए संसद भवन का आधारशिला 1 अक्तूबर 2020 को रखी

गई थी और 28 मई 2023 को पूर्ण हुआ| भवन की उंचाई 39.6 मीटर है मंजिल की गिनती 04 है| भवन और परिसर मिलाकर कुल 65,000 मीटर (700,000 वर्ग फीट) क्षेत्रफल अवस्थित है|नए संसद भवन के वास्तुकार बिमल पटेल है|भवन का ठेकेदार टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड है जिन्होंने बहुत ही कम समय में नए संसद भवन का निर्माण कर देश को समर्पित किया है|इसकी चर्चा विदेशों में भी खूब हो रही है|खासकर पडोसी देश पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों को इसकी मिर्ची लग रही है|नए संसद भवन का निर्माण भारत की सेन्ट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्से के रूप में है|नए संसद भवन पर एक नजर डालें तो पुराने लोक सभा भवन ,विजय चौक,इण्डिया गेट,राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, उपराष्ट्रपति भवन, हैदराबाद हॉउस, सचिवालय भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और आवास, मंत्रीस्तरीय भवनों और अन्य से घिरा हुआ है जहाँ भारत सरकार की प्रशासनिक इकाइयां अवस्थित है|

आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर क्यों नए संसद भवन की आवश्यकता पड़ी जबकि पुराने तो थे ही|विदित हो कि वर्ष 2010 की शुरुआत में पुराने ढाँचे को बदलकर स्थिरता के लिए नए संसद भवन के प्रस्ताव आए|इस पर सुझाव देने के लिए 2012 में तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार द्वारा एक समिति बनाई गई थी|

मूल संसद भवन 93 वर्ष पुराना हो चूका था और इसकी संरचना भी पुरानी है|मूल संसद भवन भूकंप रोधी भी नहीं था|पुराने संसद भवन में सदस्यों और उनके कर्मचारियों के लिए अपर्याप्त जगह ग्रस्त रहने के कारन सभी को परेशानी होती थी जिससे काम-काज पर असर पड़ता था|सेन्ट्रल विस्टा के रिडिजाइन के प्रभारी आर्किटेक्ट बिमल पटेल के मुताबिक अब नए संसद भवन का जीवन काल 150 वर्षों से भी अधिक होगा|इमारत की संरचना भूकंप रोधी के साथ सभी आवश्यक जरूरतों को देखते हुए की गई है|संसद भवन में प्रवेश के लिए 3 द्वार बनाया गया है|ज्ञान द्वार,शक्ति द्वार,और कर्म द्वार आदि नामों दे नाबजा गया है|प्रवेश द्वार को ज्ञान द्वार का नाम दिया गया है|  

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