डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के अनमोल रतन थे: डॉ. गौरी शंकर

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TUESDAY,15,OCTOBER,202/LOCALDESK/BREAKING NES

नितेश कुमार की रिपोर्ट

विश्व छात्र दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में मनाया जाता है

जमुई/RASHTRAVIHARLIVE 24 NEWS:विश्व छात्र दिवस के अवसर पर कुमार कालिका मेमोरियल महाविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गौरी शंकर पासवान ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक और अनमोल रतन थे। विश्व छात्र दिवस एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में मनाया जाता है। डॉ कलाम का जन्म आज ही के दिन 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वर में हुआ था जबकि इनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 शिलांग में हो गई ।डॉ कलाम भारत के राष्ट्रपति, राजनीतिज्ञ और प्रोफेसर भी रह चुके हैं। इन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। परमाणु हथियार कार्यक्रम विकास में उनकी अग्रणी भूमिका रही है ।
डॉ.पासवान ने कहा कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का कहना था यदि आप सूर्य की भांति चमकना चाहते हैं, तो सूर्य की तरह चमकना होगा। इस कथन को कलाम साहब ने अपने जीते जी चरितार्थ कर दिखाया है। अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से देश को आलोकित कर कलाम साहब अमर हो गए। डॉ कलाम फर्श से अर्श तक का जो सफर तय किया है श्लाघनीय है। उनका संपूर्ण जीवन छात्रों के लिए प्रेरणाप्रद रहा है। और उनकी शिक्षा तथा विज्ञान में दी गई अद्वितीय योगदानो को आज के दिन विशेष रूप से याद किया जाता है।
प्रो पासवान ने कहा कि डॉ कलाम ने यह भी संदेश दिया था कि सपने वो नहीं होते जो सोते समय देखते हैं। सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते। छात्र दिवस यह संदेश देता है कि छात्रों के लिए अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अनुशासन के साथ एटीट्यूड, मूल्य, ईमानदारी, नैतिकता आदि को काफी अहमियत देना चाहिए। वास्तव में इसके बिना छात्रों का जीवन और समाज तथा राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। अनुशासन का जीवन पतवार विहीन नौका की तरह होता है। भारत के रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रम में उन्होंने जो भूमिका निभाई है वे बहुत ही सराहनीय है। वे छात्रों को नए विचारों और आविष्कारों के लिए हमेशा प्रेरित करते थे। उनके विचारों ने विश्व भर के छात्रों को उच्च लक्ष्य स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है। उनका कहना था कि उचित मार्गदर्शन और कठोर परिश्रम से कोई भी इंसान अथवा छात्र असंभव को संभव बना सकता है।
प्रो पासवान ने कहा कि छात्र राष्ट्र के भावि कर्णधार होते हैं। वे आशाओं के आकाशदीप होते हैं। उन्हें शिक्षा के महत्व को समझना और मूल्यों को अपनाना बहुत जरूरी है, जैसा कि कलाम साहब ने अपने संपूर्ण जीवन कर दिखाया। और इन दो चीजों के लिए समर्पित भी कर दिया था। शिक्षा केवल प्रगति का साधन नहीं है बल्कि समाज और मानवता की भलाई के लिए भी इसे उपयोग करना चाहिए। जैसा की भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने शिक्षा का सदुपयोग किया था। कलाम साहब के वैज्ञानिक, राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिक है और उपादेय भी हैं।

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